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Writer's pictureSanjay Trivedi

Clusters will be formed of pharma MSMEs: PM announced 12 Diwali gifts for MSME sector


The Prime Minister, Shri Narendra Modi has launched a historic support and outreach programme for the Micro, Small and Medium Enterprises (MSME) sector. As part of this programme, the Prime Minister unveiled12 key initiatives which will help the growth, expansion and facilitation of MSMEs across the country.

The Prime Minister said that the 12 decisions that he is announcing today, will mark a new chapter for the MSME sector. Noting that MSMEs are one of the principal employment generators in India, the Prime Minister recalled the glorious Indian traditions of small scale industry, including Ludhiana’s hosiery, and Varanasi’s sarees.

The Prime Minister said that the success of economic reforms launched by the Union Government, can be gauged from the rise in India's “Ease of Doing Business Rankings,” from 142 to 77 in four years. The Prime Minister said that there are five key aspects for facilitating the MSME sector. These include access to credit, access to market, technology upgradation, ease of doing business, and a sense of security for employees. He said that as a Diwali gift for the sector, the 12 announcements he is making, will address each of these five categories.

Access to Credit

As the first announcement, the Prime Minister announced the launch of the 59 minute loan portal to enable easy access to credit for MSMEs. He said that loans uptoRs. 1 crore can be granted in-principle approval through this portal, in just 59 minutes. He said a link to this portal will be made available through the GST portal. The Prime Minister asserted that in New India, no one should be compelled to visit a bank branch repeatedly.

The Prime Minister mentioned the second announcement as a 2 percent interest subvention for all GST registered MSMEs, on fresh or incremental loans. For exporters who receive loans in the pre-shipment and post-shipment period, the Prime Minister announced an increase in interest rebate from 3 percent to 5 percent.

The third announcement made by the Prime Minister was that all companies with a turnover more than Rs. 500 crore, must now compulsorily be brought on the Trade Receivables e-Discounting System (TReDS). He said that joining this portal will enable entrepreneurs to access credit from banks, based ontheir upcoming receivables. This will resolve their problems of cash cycle.

Access to Markets

The Prime Minister said that on access to markets for entrepreneurs, the Union Government has taken a number of steps already. In this context, he made his fourth announcement, thatpublic sector companies have now been asked to compulsorily procure 25 percent, instead of 20 percent of their total purchases, from MSMEs.

The Prime Minister said his fifth announcement is related to women entrepreneurs. He said that out of the 25 percent procurement mandated from MSMEs, 3 percent must now be reserved for women entrepreneurs.

The Prime Minister said that more than 1.5 lakh suppliers have now registered with GeM, out of which 40,000 are MSMEs. He said transactions worth more than Rs. 14,000 crore have been made so far through GeM. He said the sixth announcement is that all public sector undertakings of the Union Government must now compulsorily be a part of GeM. He said they should also get all their vendors registered on GeM.

Technology Upgradation

Coming to technological upgradation, the Prime Minister said that tool rooms across the country are a vital part of product design. His seventh announcement was that 20 hubs will be formed across the country, and 100 spokes in the form of tool rooms will be established.

Ease of Doing Business

On Ease of Doing Business, the Prime Minister said his eighth announcement is related to pharma companies. He said clusters will be formed of pharma MSMEs. He said 70 percent cost of establishing these clusters will be borne by the Union Government.

The Prime Minister said that the ninth announcementis on simplification of government procedures. He said the ninth announcement is that the return under 8 labour laws and 10 Union regulations must now be filed only once a year. The Prime Minister said that the tenth announcement is that now the establishments to be visited by an Inspector will be decided through a computerised random allotment.

The Prime Minister noted that as part of establishing a unit, an entrepreneur needs two clearances namely, environmental clearance and consent to establish. He said that the eleventh announcement is that under air pollution and water pollution laws, now both these have been merged as a single consent. He further said that the return will be accepted through self-certification.

As the twelfth announcement, the Prime Minister mentioned that an Ordinance has been brought, under which, for minor violations under the Companies Act, the entrepreneur will no longer have to approach the Courts, but can correct them through simple procedures.

Social Security for MSME Sector Employees The Prime Minister also spoke of social security for the MSME sector employees. He said that a mission will be launched to ensure that they have Jan Dhan Accounts, provident fund and insurance.

The Prime Minister said that these decisions would go a long way in strengthening the MSME sector in India. He said the implementation of this outreach programme will be intensively monitored over the next 100 days.

Text of PM’s speech

मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी अरुण जेटली जी, गिरिराज सिंह जी, शिव प्रताप शुक्ल जी, पोन राधाकृष्‍णन जी, अन्य सहयोगीगण, बैंकिंग सेक्‍टर से, वित्तीय संस्थानों से, व्यापार और कारोबार जगत के आप सभी महानुभाव, यहां सब उपस्थित महानुभाव और देश भर से मेरे साथ जुड़े लघु उद्यमीगण, देवियों और सज्जनों !

देश के लघु उद्योगों को समर्पित इस आयोजन में, मैं आप सभी का और देश के अन्य क्षेत्रों से जुड़े उद्यमी बंधुओं का हृदय से बहुत-बहुत स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं।

सबसे पहले आप सभी को दीपावली और नए संवत्-नए वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं। हम सभी जानते हैं कि दीपावली और नए साल का हमारे यहां कितना ज्यादा महत्व है। अब तो दुनिया में भी फैल रहा है। खासकर हमारे व्यापारी भाई-बहनों के लिए, जो इस दिन नया खाता इस उम्मीद के साथ खोलते हैं कि दीपावली का शगुन अच्छा होगा तो पूरा साल अच्छा निकलेगा।

इसके अलावा, ये समय इसलिए भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसी अवधि में एग्रीकल्चर और एग्री-प्रॉडक्ट्स, हमारे किसानों द्वारा उपजाया गया अनाज, मार्केट का हिस्सा बनता है। इस समय हुई खरीद-फरोख्त, अगले साल के बाजार के, देश के ग्रोथ को भी तय करती है।

इसलिए दीपावली का ये समय देश के लिए उतना ही अहम होता है, जैसे बजट के दौरान होता है। इस दौरान लिए गए फैसले, हमारे भविष्य पर बहुत बड़ा असर डालते हैं।

आज इस विशेष आयोजन में मैं आपके सामने लघु उद्योग सेक्टर के लिए सरकार द्वारा लिए गए 12 बड़े फैसलों पर विस्तार से बात करना चाहता हूं। पिछले कुछ हफ्तों से भारत सरकार के कई मंत्रालय मिलकर इन फैसलों तक पहुंचने में जुटे हुए थे। कई फैसलों को बीते दिनों, छोटे स्तर पर लागू करके एक ट्रायल रन भी देखा। सारी समीक्षा, सारी पड़ताल के बाद अब आज वो अवसर आया है जब मैं देश को इन 12 ऐतिहासिक फैसलों के बारे में बताना चाहता हूं।

साथियों, ये 12 फैसले इस बात का भी प्रमाण हैं कि जब Silos को तोड़कर, Collective Initiative लिया जाता, Collective Responsibility निभाई जाती है, Collective Decision लिया जाता है, तो कितने व्यापक स्तर पर उसका प्रभाव पड़ता है।

Silos में तो आपके सारे सपने फाइलों में ही दबे पड़े रह जाते हैं। लेकिन जब Silos टूटते हैं, तो फाइलों को भी गति मिल जाती है, अफसर खुद फाइलें लेकर, आगे बढ़कर फैसले सुनिश्चित कराने लगते हैं।

ये 12 फैसले, देश के MSME यानि Micro, Small and Medium Enterprises के लिए दीपावली का एक बहुत बड़ा उपहार तो हैं हीं, देश में छोटे उद्योगों के एक नए युग, एक नए अध्याय की भी शुरुआत होने वाली है।

भाइयों और बहनों, भविष्य का खाका खींचने से पहले, मैं आपसे अतीत और वर्तमान की भी चर्चा करना चाहूंगा।ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जो अतीत हमें गौरव का भान कराए, जो वर्तमान हमारा हौसला बढ़ाए, उसका जिक्र जरूर किया जाना चाहिए।

साथियों, ये हम भली-भांति जानते हैं कि MSMEया छोटे उद्योग हमारे देश में करोड़ों देशवासियों की रोज़ी-रोटी का साधन हैं, अर्थव्यवस्था में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये MSME कृषि के बाद रोज़गार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है। खेती अगर भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है तो MSME उसके मज़बूत कदम हैं, जो देश की प्रगति को गति देने का काम करते हैं।

कढ़ाई-बुनाई से लेकर दवाई तक, खेत-खलिहान से लेकर खेल के मैदान तक,वस्त्र से लेकर शस्त्र तक, ऊन से लेकर ऊर्जा तक, ऐसे अनेक क्षेत्रों में लघु उद्योगहमेशा से अपना अहमयोगदान देते रहे हैं।

  • कांचीपुरम की साड़ी हो या पानीपत का हैंडलूम,

  • लुधियाना की हौजरी हो यामुरादाबाद का पीतल

  • बनारस की साड़ी हो या अलीगढ़ के ताले,

  • जमशेदपुर और पुणे का ऑटो उद्योग हो, भरूच का कैमिकल उद्योग हो या फिर कोयंबटूर के बिजली के पंप,

  • जोधपुर, किशनगढ़ का हैंडीक्राफ्टस और पत्थर उद्योग हो याकटक का ज़ेवर,

  • मधुबनी की पेंटिंग्स हों या मेरठ की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री

पूरब से लेकर पश्चिम तक, उत्तर से लेकर दक्षिण तक इसका विस्तार है।

हमारे लिए ये सिर्फ उद्योग नहीं हैं बल्कि हमारी विरासत, हमारी परंपरा, हमारे जीवन का अहम हिस्सा रहे हैं। कितने ही शहरों की पहचान, उनके यहां चलने वाले लघु उद्योगों की वजह से ही है।

अगर मैं कहूं कि देश के हर जिले के साथ, उसकी एक खास पहचान जुड़ी हुई हो तो शायद वह गलत नहीं होगा। इन सभी की कमान लघु उद्योगों ने ही तो संभाल रखी है।

इस विरासत को संजोते हुए हमारे लघु उदयोगों ने समय के साथ खुद को और मजबूत किया है और भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दी है।

साथियों, आज भारत Global Economy में एक ब्राइट स्पॉट बनकर चमक रहा है। पूरे विश्व की नजरें भारत पर हैं, वैश्विक कारोबार की चर्चा के केंद्र में नया भारत है। एक ऐसा नया भारत जिसमें संकल्प को सिद्ध करने की शक्ति है, जिसमें अपने 130 करोड़ नागरिकों की आशाओं-आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य है।

भारत को इस ऊँचाई पर पहुंचाने का श्रेय, देश को नई ऊर्जा देने का श्रेय हमारे MSME सेक्टर, मतलब आप सबको भी जाता है। ये आप लोगों का ही परिश्रम और पुरुषार्थ है जिसकी वजह से आज भारत Economic Powerhouseबन गया है।

भारत में पिछले चार-साढ़े चार वर्षों में जो परिवर्तन हुए हैं, आप उसके सबसे बड़े भागीदार हैं। आपने Formalization की दिशा में बड़े प्रयास किए हैं, डिजिटल लेन-देन को आत्मसात किया है, ई-कॉमर्स जैसी नई व्यवस्थाओं के साथ तालमेल बिठाया है, GST जैसे देश के इतने बड़े टैक्स रीफॉर्म को आपने अपनाया है। आप बहुत समझदारी और बहादुरी के साथ वैश्विक बाजार का भी मुकाबला कर रहे हैं।

देश में हुए इन परिवर्तनों की वजह से ही आज भारत चौथी औद्यौगिक क्रांति का नेतृत्व करने की ओर अग्रसर है। हम एक नई उड़ान भरने वाले हैं, नए युग में प्रवेश करने वाले हैं। ये सब इसलिए हो पा रहा है क्योंकि आपने, देश के MSME सेक्टर ने इन परिवर्तनों के साथ खुद को जोड़ा है, उन्हें अपनी व्यवस्था का हिस्सा बनाया है।

साथियों, आपके इस साहस को और प्रोत्साहन देने के लिए सरकार भी कंधे से कंधा मिलाकर आपके साथ आगे बढ़ रही है।

देश में हुए अनेक सुधारों और फैसलों की वजह से आज भारत में व्यापार करना बहुत आसान हो गया है। अभी दो दिन पहले आई वर्ल्ड बैंक की Ease of Doing Business Ranking इसकी गवाह है। जिस पर 4 साल पहले कोई यकीन नहीं कर सकता था वो आज हिन्‍दुस्‍तान ने करके दिखाया है वो हमने करके दिखा दिया है।

साथियों, ये हम सभी के लिए गौरव का विषय है कि इस बार भारत ने Ease of Doing Business Ranking में 23 रैंक की एक लंबी छलांग लगाई है। सिर्फ चार वर्ष पहले, ये सरकार बनने से पहले, हम 142वें स्थान पर थे। आज मुझे खुशी है कि हम 65 पायदान चढ़कर 77वें स्थान पर पहुंच चुके हैं और मेरा विश्‍वास है कि जिस प्रकार राज्‍य सरकार केन्‍द्र सरकार हमारे सभी विभाग एक के बाद एक कदम उठाते चले जा रहे हैं। अब टॉप-50 भी हमारी पहुंच से ज्यादा दूर है ऐसा मुझे नहीं लगता है।

Ease of Doing Business में सरलता बढ़ती है, सुविधाएं मिलती हैं, तो उसका सबसे ज्यादा लाभ हमारे MSME सेक्टर को ही मिलता है। कंस्ट्रक्शन की परमीशन हो, बिजली की उपलब्धता हो या फिर दूसरे क्लीयरेंस, हमारे लघु उद्योगों के लिए ये हमेशा से बड़ी चुनौती रहे हैं। बिल्कुल जमीनी स्तर पर जाकर, नियमों में सुधार करके, MSMEs के लिए अब उद्योग की राह और आसान बनाने का काम हमने किया है।

इसके अलावा, पिछले चार-साढ़े चार वर्षों में इस सेक्टर को विशेष ध्यान में रखते हुए नीतियों-निर्णयों में जो व्यापक फेरबदल हुआ है, उसने भी MSME सेक्टर को एक नई मजबूती दी है।

साथियों,

लघु उद्योग और मजबूत हों, इसके लिए कुछ चीजें बहुत आवश्यक हैं। मैं इनको अलग-अलग कैटेगरी में बांटता हूं।

A- आपको आसानी से पैसा मिले, कर्ज मिले, सस्ती दर पर कर्ज मिले और कैश फ्लो बना रहे

B- आपको मार्केट मिले, ई-कॉमर्स जैसे प्लेटफॉर्म पर आपकी हिस्सेदारी बढ़े

C-Technology Upgradation हो

D-Ease of Doing Business, सरकारी दखल कम हो

और E-Employees में सुरक्षा की भावना।

मैं एक-एक करके इनके बारे में आपसे विस्तार से बात करूंगा।

सबसे पहले कैटेगरी “A” पर आते हैं- यानि आपको आसानी से पैसा मिले, कर्ज मिले। बैंकों के चक्कर काटे बिना मिले, सस्ती दर पर मिले और आपका कैश फ्लो बना रहे।

किसी भी बिजनेस के लिए ये आपकी पहली आवश्यकता होती है। मैं मानता हूं बहुत से लोग अपनी खुद की पूंजी लगाकर भी शुरुआत तो करते हैं, लेकिन बिजनेस को विस्तार देने के लिए, आपको कर्ज लेना ही होता है। आपकी इस आवश्यकता की पूर्ति करते हैं हमारे बैंक।

लेकिन इसकी जमीनी सच्चाई क्या रही है? छोटे उद्यमियों, जिनका सालाना टर्नओवर 20 लाख से पांच करोड़ रुपए के बीच रहता है, उनको कर्ज लेने में परेशानी आती है। बैलेंस शीट का साइज छोटा होने के कारण अक्‍सर उनको कर्ज मिलने में देरी भी होती है, और पर्याप्त मात्रा में ऋण भी नहीं मिल पाता।

ऊपर से जिन बड़ी कंपनियों को, बड़े उद्योगों को सामान सप्लाई किया जाता है, वहां से भी बिल स्वीकृत करने में, भुगतान में देरी उनका संकट और गहरा कर देते हैं। इसका सीधा असर आपकी कैश साइकिल पर पड़ता है और एक प्रकार से पूरा बिजनेस ही संकट में आ जाता है।

आपकी इस समस्या को दूर करने के लिए, मैं आज की पहली घोषणा करने जा रहा हूं, और वो है- 59 मिनट लोन पोर्टल का देशव्यापी लॉन्च। यानि अब जितनी देर में आप सुबह घर से ऑफिस पहुंचते हैं, या शाम को जितनी समय आप अपना बही-खाता मिलाने में लगाते हैं, उतनी ही देर में आपकोएक करोड़ रुपए तक के ऋण को सैद्धांतिक स्वीकृति मिल जाया करेगी।

साथियों, कुछ समय पहले जेटली जी के निर्देशन में एक प्रयास शुरू किया गया था। उस समय मैंने अधिकारियों से कहा था कि आप ट्रायल के तौर पर इसे शुरू तो कर रहे हैं लेकिन जो लक्ष्य मैं आपको दूंगा, उस तरह पहुंच पाएंगे?

भाइयों और बहनों, हमारी आजादी को इस वर्ष 72 वर्ष हुए हैं। मैंने उन्हें कहा था कि क्या जिस दिन इस पोर्टल का देशभर में लागू किया जाएगा, तब तक क्या आप लोग 72 हजार छोटे उद्यमियों को कर्ज स्वीकृत कर पाएंगे।

साथियों, इस वक्त, जब मैं आपके साथ बात कर रहा हूं, उस समय ये जो काउंटर दिख रहा है, जो घड़ी जैसी दिखाई दे रही है, वो बता रही है कि अब तक कितने MSME उद्यमियों को इस पोर्टल के माध्यम से या तो कर्ज स्वीकृत किया गया है या फिर उनका Renewal हुआ है। आप लगातार देख सकते हैं कि कैसे इस संख्या में बदलाव हो रहा है।

यहीं कहीं दूर, देश के किसी कोने में बैठे आपके उद्यमी भाई या बहन को मात्र 59 मिनट में एक करोड़ रुपए तक के कर्ज की मंजूरी इस वक्त भी दी जा रही है।सोचिए, सिर्फ 59 मिनट। सिर्फ 59 मिनट।और मैंने जानबूझकर एक घंटा नहीं रखा वरना एक के दो दो के तीन होते देर नहीं लगता और इसलिए इस पर कैप लगाया 59 मिनट का।

भाइयों और बहनों। ये काम पहले की सरकारों में भी हो सकते थे। लेकिन ऐसे कामों के लिए नीयत सबसे ज्यादा जरूरी है, ईमानदारी की प्रतिष्ठा जरूरी है। Minimum Government Maximum Governance के मूलमंत्र पर चल रही हमारी सरकार, हर कदम पर आपको नियमों के जाल से मुक्ति दिलाने का काम कर रही है।

मुझे याद है, जब मैं अफसरों से इस पोर्टल के बारे में बात कर रहा था, तोमैंने कहा था कि उद्यमियों के Turnover की सूचना आपके GST Return में है, Income की सूचना भी Tax Return में है, Cash Flow भी बैंक अकाउंट में है, तो फिर इन सबको जोड़कर Analytics के द्वारा ही बैंक आपको Loan क्यों नहीं दे सकते?

मैंने ये भी कहा था कि इस सुविधा का ज्यादा से ज्यादा प्रसार हो और हर उस जगह पर इसका लिंक हो, जहां हमारे लघु उद्योग से जुड़े कारोबारी जाते हैं। जैसे GST पोर्टल।

इस पोर्टल से जुड़ने वाले ईमानदार करदाता, ईमानदार उद्यमी को आखिर कर्ज मिलने में दिक्कत क्यों हो? इसलिए जब आप GST पोर्टल पर अपना रिटर्न फाइल करेंगे उस समय भी आपको ये सुविधा मिलेगी। जैसे ही पोर्टल पर जाएंगे वैसे ही आपसे पूछा जाएगा कि क्या आपको लोन चाहिए? यदि आप हां करते हैं तो वहीं पर 59 मिनट लोन पोर्टल की सुविधा आपको मिल जाएगी।

साथियों, हमारी कोशिश यही है कि GST से जुड़े हर उद्यमी, हर MSME के द्वार पर सरकार खुद पहुंचे।

आज मुझे खुशी है कि इन सारी बातों को ध्यान में रखकर, अब आपके लिए ये 59 मिनट में लोन स्वीकृति की सुविधा आप को मैं समर्पित करता हूं और इसका लाभ आज से देश के हर क्षेत्र के लघु उद्यमी को मिलना शुरू हो गया है।

ये नया भारत है, इसमें बैंक में बार-बार जाने के चक्कर खत्म करो जी।

साथियों,

अब मैं आता हूं, आज की दूसरी घोषणा पर।

आपको 59 मिनट में लोन की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई, लेकिन ये भी तो अहम है कि ब्याज किस दर पर मिल रहा है।

अब जो मैं कहने जा रहा हूं, उसे ध्यान से सुनिएगा, गौर से सुनिएगा।

भाइयों और बहनों, अब ये तय किया गया है कि GST पंजीकृत हर MSME को एक करोड़ रूपये तक के नए कर्ज या इन्‍क्रीमेंटल लोन की रकम पर ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

मैंने अभी आपसे जो ईमानदारी की प्रतिष्ठा की बात की थी। ये उसी का विस्तार है। अब GST से जुड़ना और Tax भरनाआपकीताकतबनेगा, आपको ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट दिलवाएगा।

इतना ही नहीं निर्यातकों के लिए भी दीपावली गिफ्ट तैयार है। निर्यातकों को Pre-Shipment और Post Shipment की अवधि में जो लोन मिलता है उसकी ब्याज की दर में छूट को भी सरकार ने 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है।

भाइयों और बहनों, MSME का देश के निर्यात में बहुत बड़ा योगदान है। देश के कुल निर्यात का लगभग 40 प्रतिशत निर्यातआप ही संभालते हैं। विश्व में भारत की बढ़ी साख का लाभ आपको मिले, MSME के Exporters को मिले, इसके लिए ब्याज की दर में छूट देने का फैसला किया गया है।

मुझे उम्मीद है कि इस कदम से MSME के Exporters का हिस्सा और बढ़ेगा।

साथियों, अभी तक की घोषणाओं से ऋण मिलना और सरल होगा, बैंकों के चक्कर कम लगेंगे, कम ब्याज दर पर लोन मिलेगा।

लेकिनमैं ये भी चाहता हं कि जिस बड़ी मजबूरी की वजह से आपको अक्‍सर कर्ज लेना पड़ता है, वो भी कम हो।

मैं जानता हूं कि MSME जो माल बड़ी कंपनियों को सप्लाई करते हैं, उसका बिल स्वीकृत होने में बहुत देर लगती है। कई बार तो आपको अपने ही पैसे के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में आपको बिजनेस को चलाए रखने के लिए कर्ज लेना पड़ता है।

मेरी आज की तीसरी घोषणा इसी से जुड़ी हुई है। वो सारी कंपनियां जिनका टर्नओवर 500 करोड़ से ऊपर है, उनको अब Trade Receivables e-Discounting System यानि “ट्रेडस” (TReDS) Platform पर लाना ज़रूरी कर दिया गया है।ताकि MSME’sको कैश फ्लो में दिक्कत न आए।

जैसा कि आप में से बहुतों को पता होगा कि TReDS एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिस पर कुछ MSME’s हैं, सरकार के कुछ PSU’s हैं, बैंक भी हैं और देश की कुछ कंपनियां भी हैं जिनको लघु उद्योग अपना सामान सप्लाई करता है।

अब सरकार इसका विस्तार और बढ़ाने जा रही है। सरकार के सारे PSU’s को निर्देश दिया गया है कि वो TReDSपर आएं और अपने से संबंधित उद्योगों को भी TReDS पर लाने के लिए प्रोत्साहित करें।

अब 500 करोड़ रुपए से ज्यादा के टर्नओवर की कंपनियों के TReDS से जुड़ने का फायदाक्या होगा, ये मैं आपको बताता हूं।

मान लीजिए ये जो बड़ी कंपनी है, उसने किसी लघु उद्यमी से 10 लाख रुपए की कुछ खरीदारी की है। उस उद्यमी के पास सप्लाई ऑर्डर की कंफर्म रिसीट भी है और सप्लाई की भी। लेकिन किसी वजह से वो बड़ी कंपनी जब पेमेंट नहीं करती, तो मेरा ये लघु व्यापारी तो फंस जाता है। उसके लिए तो 10 लाख रुपए बहुत बड़ी बात है।

ऐसे में उस छोटे व्यापारी की मदद करेगा TReDS प्लेटफॉर्म। वो इस प्लेटफॉर्म पर उस बड़ी कंपनी से मिली हुई कंफर्म रिसीट या बिल को अपलोड कर सकता है। इस बिल के आधार पर वो ये कह सकता है कि महीने-दो महीने-तीन महीने के भीतर-भीतर में मुझे इतना पैसा, उस बड़ी कंपनी से मिलने वाला है।

बड़ी कंपनी का बिल होने पर, साख वाली कंपनी का बिल होने पर, बैंक भी उस बिल पर विश्वास करेंगे और उसके आधार पर, उस व्यापारी को बैंक से उचित धनराशि मिल जाएगी। बाद में जब कंपनी से पैसा आएगा, तो बैंक उस पैसे को अपने पास रख लेंगे और उसका कारोबार चलता रहेगा।

साथियों, इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि आपका जो पैसा रोटेट होना है, आपको जो अपने बिजनेस में पैसा लगाना है, उसकी कमी आपको नहीं होगी, आपका पैसा फंसेगा नहीं, आपकी कैश सायकिल नहीं टूटेगी।

हालांकि आज इस अवसर पर मैं, इस घोषणा के साथ, बड़ी कंपनियों से भी ये आग्रह करूंगा कि लघु उद्योगों से जुड़े बिल जल्दी स्वीकारें जाएं और उनके भुगतान में देरी न हो।

भाइयों और बहनों,

फिर भी अगर भुगतान में देरी होती है तो आपके लिए एक और विकल्प तैयार किया गया है। MSME मंत्रालय के समाधान पोर्टल में छोटे उद्मी अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं, जिनका समाधान समय-सीमा में सरकारी Intervention सेकिया जाएगा।ये बड़ी कंपनियों को, समय से आपका भुगतान करने के लिए भी प्रेरित करेगा।

साथियों, कर्ज आसानी से मिले, ब्याज कम हो, MSME Exporters को भी ब्याज में छूट का लाभ मिले, कैश साइकिल भी बनी रहे, ये हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में है। मेरी पहली तीन घोषणाएं इसी दिशा में हैं।

अब मैं कैटेगरी “B” की तरफ आता हूं। और ये है आपके लिए, देश के MSME सेक्टर के लिए नए बाजारों का निर्माण।इस मोर्चे पर भी सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं और कुछ महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान मैं आज करने जा रहा हूं।

भाइयों और बहनों, पिछले वर्ष में लगभग 1 लाख 14 हजार करोड़ रुपए का सामान सरकारी कंपनियों ने अलग-अलग स्रोतों से खरीदा है। अब तक जो नियम चला आ रहा था, वो ये था कि सरकारी कंपनियों को 20 प्रतिशत खरीदारी माइक्रो और स्मॉल इंटरप्राइजेज यानि सूक्ष्म और लघु उद्योगों से करना जरूरी था।

मेरी आज की चौथी घोषणा इसी से जुड़ी हुई है। सरकार ने इस 20 प्रतिशत की अनिवार्यता को बढ़ाकर अब 25 प्रतिशत करने का फैसला लिया है। यानि अब सरकारी कंपनियां जितना सामान खरीदती हैं, उसमें अब माइक्रो और स्मॉल इंटरप्राइजेज की हिस्सेदारी और बढ़ने जा रही है।

इसी को आगे बढ़ाती एक और महत्वपूर्ण और आज की पांचवी घोषणा है महिला उद्यमियों से जुड़ी हुई। ये जो माइक्रो और स्मॉल इंटरप्राइजेज द्वारा खरीदारी की अनिवार्यता को बढ़ाया गया है, उसमें ये भी तय किया गया है कि इसमें से कुल खरीद का 3 प्रतिशत, महिला उद्यमियों के लिए आरक्षित हो। यानि सरकारी कंपनियों के लिए अब ये जरूरी हो गया है कि वो अपनी खरीद का कम से कम 3 प्रतिशत महिला उद्यमियों से ही खरीदें।

मैं समझता हूं कि आज का ये फैसला, देश में women entrepreneurship को और मजबूत करेगा।

साथियों, MSME के लिए मार्केट उपलब्ध कराने के लिए एक और प्लेटफॉर्म सरकार ने विकसित किया है, GeM यानि गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस। जब दो-ढाई वर्ष पहले इसकी शुरुआत हुई, तो एक बड़ा मकसद था सरकारी सामान की खरीद में पारदर्शिता लाने का।

इस पारदर्शिता का सीधा लाभ भी MSME सेक्टर को मिल रहा है। GeM की वजह से छोटे उद्यमियों के Products सरकारी खरीदारों तक पहुंचना आसान हुआ है।मैं तो आज भी तमिलनाडु की उस महिला को याद करता हूं, जिसने छोटा सा थर्मस प्रधानमंत्री कार्यालय को बेचा था और समय पर भुगतान भी की गई थी। ऐसे ही न जाने कितने सूक्ष्म और लघु उद्यमियों को इस पोर्टल ने नया अवसर दिया है, उनके जीवन को नई प्रेरणा दी है। वरना क्या पहले कोई सोच भी सकता था कि बडी-बड़ी सप्लाई कंपनियों के आगे वो टिक भी पाएंगे, कभी सरकार को अपना सामान बेच भी पाएंगे। नहीं। लेकिन ये सब संभव किया है GeM पोर्टल ने।

साथियों, GeM पोर्टल पर अब तक डेढ़ लाख से अधिक सप्‍लायर जुड़ चुके हैं, जिसमें 40 हजार MSME हैं। इसके तहत अब तक 9 लाख ऑर्डर दिए गए हैं और करीब 14 हज़ार करोड़ रुपए का कारोबार हो भी चुका है।

आप सोचिए, बिना किसी बिचौलिए, बिना किसी को कमीशन दिए, अपनी कमाई का हिस्सा दिए, कितने उद्यमियों को इसका लाभ मिला है।

भाइयों और बहनों, GeM की इस व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए आज ही और एक महत्वपूर्ण फैसला केंद्र सरकार ने किया है। ये मेरी आज की छठी घोषणा है, आपका छठा दीपावली गिफ्ट है।

साथियों, अब केंद्र सरकार की सभी कंपनियों के लिए GeM की सदस्यता लेना ज़रूरी कर दिया गया है। इतना ही नहीं वो अपने सभी Vendors-MSME’s को भी इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत कराएंगी, जिससे उनके द्वारा की जा रही खरीद में भी MSMEs को अधिक से अधिक लाभ मिलेगा।GeM पर आने से आपके लिए अनंत संभावनाएं बनी थीं। अब आज के फैसले से उनका और विस्तार होगा।

साथियों, आज का ये समय कंप्यूटराइजेशन और टेक्नोलॉजी का, ई कॉमर्स और ऑनलाइन मार्केटिंग का है। लघु उद्योग भी इससे जितना ज्यादा जुड़ेंगे, उतना ही उनका फायदा होगा।

GeM की तरह ही ई-कॉमर्स के अन्य प्लेटफॉर्म पर आपके बनाए सामानों की बिक्री हो, इसके लिए Quality Certificationकी भी आवश्यकता होती है। ये Certification, आपके क्ल्स्टर्स, आपकी फैक्ट्री के पास ही आपको मिल सके, इसके लिए भी सरकार विभिन्न Certification Agencies के साथ काम कर रही है।

Aggregator का ये मॉडल हम लघु उद्योगों को निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ जोड़ने के लिए भी कर रहे हैं।

साथियों, अब मैं कैटेगरी“C” की तरफ बढ़ता हूं। कैपिटल और मार्केट के अलावा एक बड़ी चुनौती हमारे लघु उद्योगों के सामने रही है Technological Upgradation की। हमारे बहुत सारे लघु उद्योगों को समय पर आधुनिक टेक्नॉलॉजी का लाभ नहीं मिल पाता।

देश मेंअभी जो टूलरूम हैं, वो आपको प्रोडक्ट डिजाइन और उसके सुधार में मदद कर रहे हैं। इन Tool Rooms में आप ऐसे हाई टेक्नोलॉजी प्रोडक्टस भी तैयार कर पाते हैं, जिनकी मशीन आपके पास उपलब्ध नहीं हैं।

सरकार ने बीते चार वर्षों में इन टूलरूम्स की स्थिति को सुधारने पर भी जोर दिया है। इन टूलरूम्स के द्वारा पिछले सरकार के चार वर्षों में जहां साढ़े 3 लाख लोगों को ट्रेनिंग दी गई थी, वहीं हमारी सरकार के दौरान इससे कहीं ज्यादा, यानि करीब साढ़े 6 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

मेरी आज की सातवीं घोषणा Technological Up gradation के इस महत्वपूर्ण विषय से ही जुड़ी हुई है।

भाइयों और बहनों, सरकार ने फैसला लिया है कि देशभर में टूलरूम की इस व्यवस्था को और विस्तार दिया जाए। इसके लिए देशभर में 20 हब बनाए जाएंगे और Tool Room जैसे 100 स्‍पोक देशभर में स्थापित किए जाएंगे। मैं आज इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए 6 हजार करोड़ रुपए के पैकेजकी घोषणा करता हूं।

इससे बेहतर डिजाइन से लेकर, क्वालिटी, ट्रेनिंग और कंसल्टेंसी जैसे अनेक मामलों में MSME को भरपूर लाभ होगा।

भाइयों और बहनों, Technological Upgradation के बाद अब मैं कैटेगरी “D” की तरफ बढ़ूंगा और वो है- Ease of Doing Business.

आप में से बहुत सारे उद्यमी फार्मा क्षेत्र में कार्य करते हैं। आप दवाएं बनाते हैं, उनका निर्यात भी करते हैं। हमारी छोटी-छोटी कंपनियां जीवन के लिए अहम दवाइयां बना रही हैं, बहुत ही प्रतिष्ठित दवाइयां बना रही हैं। इन छोटी कंपनियों में भी अपार Talent है लेकिन उन्हें अपनी बनाई दवाइयों को अक्सर बड़ी कंपनियों के माध्यम से ही बेचना पड़ता है।

मेरी आज की आठवीं घोषणा इन्हीं फार्मा कंपनियों से जुड़ी हुई है। MSME सेक्टर की फार्मा कंपनियों को बिजनेस करने में आसानी हो, वो सीधे ग्राहकों तक पहुंच पाएं, इसके लिए अब क्लस्टर बनाने का फैसला लिया गया है। इन क्लस्टर्स पर 70% खर्च केंद्र सरकार द्वारा किए जाने का भी ऐलान करता हूं। सरकार का आज का ये फैसला फार्मा क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने के लिए भी बहुत अहम साबित होगा।

साथियों, आपने अनुभव किया होगा कि जब से ये चर्चा शुरु हुई है तब से अनेक बार मैंने टेक्नॉलॉजी, GST, ऑनलाइन पोर्टल, Formalization, TReDS, GeM, Portal, ऐसे अनेक शब्दों का उपयोग किया है। असल में यही वो व्यवस्थाएं हैं जो आपको प्रक्रियाओं के जाल से मुक्ति दिलाने वाली हैं।

GST ने अर्थव्यवस्था को Organize किया है,Formalize किया है। इससे व्यापार को नए दौर की नई टेक्नॉलॉजी Big Data Analyticsसे जोड़ना आसान हो गया है। डेटा की इस एनालिसिस से Ease Of Doing Businessमें और ज्यादा सुधार होगा, सुविधाओं को आपके द्वार तक पहुंचाने में और मदद मिलेगी।

मैं मानता हूं कि ये New Indiaके नए Business Environment की बुनियाद होने वाला है और ईमानदारी को प्रोत्साहन देने वाला है।

साथियों, MSMEs के लिए सरकारी प्रक्रियाओं को आसान करने की कड़ी में, मैं अब आज की नवीं घोषणाकरने जा रहा हूं। आपकोकम से कम फॉर्म और रिटर्न देने पड़ें, इसके लिए बड़ा फैसला लिया गया है। 8 श्रम कानूनों और 10 केन्द्रीय नियमों के तहत दिया जाना वाला रिटर्न अब आपको साल में दो बार की जगह सिर्फ एक बार ही देना पड़ेगा।

सरकार, व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए, Human Intervention को कम करने के लिए लगातार काम कर रही है। और अभी IT के संबंध में अरुण जी ने इसका उल्‍लेख भी किया। इसी से संबंधित मेरी आज की 10वीं घोषणा है।

अनावश्यक जांच से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार ने ये फैसला किया है कि अब Inspectorको कहां जाना है,किस फैक्‍ट्री में जाना है। इसका निर्णय सिर्फ एक Computerized Random Allotment से ही होगा और इतना ही नहीं उसने किसी फैक्‍ट्री का visit कियाफि‍र आए फि‍र हफ्ते भर इंतजार किया के वो आता है कि नहीं आता है ये सब बंद। और उसे 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट पोर्टल पर डालनी होगी। अब वो सिर्फ अपनी मर्जी से किसी भी जगह नहीं जा सकता।

भाइयों और बहनों, लघु उद्योगों को इंस्पेक्टर राज से मुक्ति दिलाने में ये फैसला बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। अब कोई Inspector आपके यहां ऐसे ही नहीं आ जाएगा, उससे पूछा जाएगा कि तुम क्यों उस फैक्ट्री में गए थे, क्या मकसद था?

भाइयों और बहनों, सरकार आप पर भरोसा करती है, अपने देश के नागरिकों पर भरोसा किया करती है। पिछले 4 वर्षों में हमारी सरकार ने कई जगहों पर Affidavit खत्म किया, सरकारी नौकरियों की कई श्रेणियों में Interview खत्म किया, Self certification किया।

अब आज मैं छोटे उद्योगों के लिए पर्यावरण कानून से जुड़े एक बड़े सुधार का भी ऐलान करने जा रहा हूं। यानि ये आपका 11वां दीपावली गिफ्ट हुआ और मेरा 11वां ऐलान।ये ऐलान भी सीधे जुड़ा हुआ है आपके और सरकार के बीच आपसी विश्वास से। ये 11वां ऐलान है, Environmental Clearance की प्रक्रियाओं का सरलीकरण और Self Certificationको बढ़ावा।

साथियों, आप सभी जानते हैं कि अब तक कोई उद्यम लगाने के लिए Environmental Clearance और Consent to Establish के दो पड़ाव को पार करना जरूरी होता है। सरकार ने फैसला किया है कि वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण कानूनों के तहत MSMEs के लिए इन दोनों को एक करके, अब सिर्फ एक ही Consent अनिवार्य होगा।

सरकार आप पर भरोसा करके Self-Certificationपर आपके रिटर्न स्वीकृत करेगी। Labor Departmentकी तरह पर्यावरण के Routine Inspection समाप्त होंगे और सिर्फ 10 प्रतिशत MSMEs का निरीक्षण होगा।

सरकार द्वारा ये भी फैसला लिया गया है कि Greenऔर White Category में आने वाले उद्यमों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। चाहे मैं टूल रूम की बात करूं चाहे Self-Certification की बात करूं, और आपने लालकिले से प्रारंभ में मेरे मुंह से एक शब्‍द निकला था सुना होगा zero defect zero effect हम ऐसा मैन्‍युफैक्‍चरिंग करेंगे जो दुनिया के बाजार में कोई defect निकाल ही नहीं सकता। हम उस प्रकार से मैन्‍युफैक्‍चरिंग करेंगे कि हम environment पर zero effect करेंगे। हम इस मंत्र को लेकर चल रहे हैं।

सरकार का मानना है कि सामान्य जनों पर, आप सभी उद्यमियों पर भरोसा करके ही हम पर्यावरण की रक्षा ज्यादा प्रभावी तरीके से कर सकते हैं। इस भरोसे के चलते ही देश में जनभागीदारी बढ़ रही है और इसका एक परिणाम देश के Forest Cover में वृद्धि पर भी दिख रहा है।

साथियों, सरकार लगातार ये सुनिश्चित कर रही है कि कानूनी प्रक्रियाएं सरल हों जिस सेआप सभी को व्यापार करने में उतनी ही आसानी हो।

कल ही सरकार ने इस दिशा में एक और बड़ा फैसला लिया है। ये फैसला मेरा आज का 12वां ऐलान है, 12वीं घोषणा है। सरकार ने कंपनी अधिनियम में बहुत बड़ा बदलाव कर, MSMEs को कानूनी जटिलताओं से राहत दी है।

भाइयों और बहनों, कंपनी अधिनियम में अब तक ऐसे प्रावधान थे, उससे जुड़े ऐसे कानून थे,जिनकी वजह से छोटी-छोटी मामूली गलतियां या अनजाने में कोई उल्लंघनहोनेपर,आपको क्रिमिनल, गुनहगार मान लिया जाता था। इन छोटी-छोटी गलतियों की वजह से कई बार व्यापारियों के लिए जेल तक जाने की नौबत आ जाती थी। छोटी-छोटी भूल सुधारने के लिए आपको कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ते थे।

इस सब में आपका कीमती समय और पैसा दोनों व्यर्थ तो होता ही था, आपके मान-सम्मान को भी गहरी ठेस पहुंचती थी।लघु और मध्यम उद्योगों को तो इसकी वजह से बहुत ज्यादा परेशानी होती थी।

मुझे आप सभी को ये बताते हुए खुशी होरही है किइ नपरेशानियों से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार एक अध्या देश ले करआ यी है। अध्‍यादेश हमने जारी कर दिया है।

अब तक जो नियम चल रहे थे, जो प्रणाली थी, वो सरकार ने बदल दी है। अब आपको छोटी-छोटी गलतियों को सुधारने के लिए कोर्ट नहीं जाना पड़ेगा।अब अनजाने में हुए छोटे उल्लंघन के लिए आप संबंधित विभाग में जाकर, कुछ आसान प्रक्रियाओं के माध्यम से उन सारी गलतियों को सुधार सकते हैं।

इसका एक और फायदा ये होगा कि 60 प्रतिशत से अधिक केस,जो अलग अलग विशेष अदालतों में चलरहे हैं, वो सभी अब उधर से बाहर आजाएंगे। मुझे बताया गया है कि ऐसे केसों की संख्या हजारों में नहीं लाखों में है। इस वजह से NCLT-National Company Law Tribunal के कई के सभी रीजनलडायरेक्टर्स के अधिकार मेंचलेजायें गे। ऐसा होने पर केसों की सुनवाई में और तेजी आएगी।

भाइयों और बहनों, सरकार ने छोटे उद्योगों और एक व्यक्ति के अधिकार वाली कंपनी को भी राहत दी है। कई विषयों पर पहले जोभी पेनल्टी लागू होती थी, उसे भी घटाकर अब आधा कर दिया गया है।

साथियों, अब मैं कैटेगरी “E” की तरफ बढ़ता हूं। सरकार के इन बड़े फैसलों और प्रयासों के बीच, हमें ये भी ध्यान रखना है कि MSME को चलाते हैं हमारे कारीगर, हमारे श्रमिक। इन सभी की सोशल सेक्योरिटी बहुत आवश्यक है।

इसलिए सरकार ने ये भी तय किया है कि देश भर में एक अभियान चलाकर इस सेक्टर में काम करने वाले कारीगरों को सरकार की सोशल सेक्योरिटी योजनाओं से जोड़ा जाए। सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि MSME में काम करने वाले श्रमिकों के पास जनधन अकाउंट हों, उनका प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में नामांकन हो।

अगर फैक्ट्री थोड़ी बड़ी है तो वहां पर Employee Provident Fund और ESIC के द्वारा भी उन्हें सुविधाएं सुनिश्चित कराई जाएंगी। इस दौरान MSME में जिन नए लोगों को रोजगार मिलेगा, उन्हें प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना का लाभ मिले, ये भी सुनिश्चित किया जाएगा।

साथियों, Globalisationके इस दौर में ये 12 फैसले MSME को सुदृढ़ कर, एक नया अध्याय लिखेंगे।

सिर्फ 59 मिनट में लोन की सुविधा, GST पोर्टल के माध्यम से भी लोन, जो उद्यमी GST से जुड़े हैं उन्हें ब्याज में छूट, सस्ता Export credit, TReDS पर सारी सरकारी कंपनियों और 500 करोड़ से ज्यादा की बड़ी कंपनियों को लाने का फैसला, सरकारी खरीद में MSME’sके लिए 25 प्रतिशत की अनिवार्यता, महिला उद्यमियों से कम से कम 3 प्रतिशत खरीद की अनिवार्यता,GeM पर सभीसरकारी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन, Technology Upgradationके लिए देशभर में 20 HUB और 100 Spokes, देश में फार्मा क्ल्स्टर्स का निर्माण, लेबर कानूनों में बदलाव, रिटर्न में आसानी, 48 घंटे में Inspection की रिपोर्ट, Environmental Clearanceसे जुड़ी प्रक्रियाओं का सरलीकरण और कंपनीज एक्ट में बड़ा फेरबदल,

ये सारे फैसले MSME सेक्टर को मजबूत करने वाले हैं, एक नई ऊँचाई देने वाले हैं।

मैं आज इस अवसर पर केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों से भी राष्ट्र निर्माण के इस महायज्ञ में आगे बढ़कर कार्य करने का आग्रह करूंगा।आपके प्रयासों से ही इन फैसलों का बेहतर परिणाम आएगा, इनका लाभ देश भर के छोटे उद्यमियों तक पहुंचेगा।

और साथियों, जब मेरी टीम ये दायित्व निभाएगी, इतना परिश्रम करेगी, तो मेरा भी तो मन करता है उनके इस परिश्रम में अपना भी थोड़ा सा योगदान मैं स्‍वयं भी करने वाला हूं।

इसलिए ऐसे 100 जिले जहां MSMEs के साथ एक विरासत, एक Specialization जुड़ी है, वहां पर हो रहे कार्यों की समीक्षामैं खुद करूंगा। जो टीम, जमीन पर काम कर रही है, उसके साथ मिलकर अगले 100 दिन तक मेरी देखरेख में Monitoringका काम किया जाएगा। मैं भी आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करूंगा और इसको सफल करके देखना है।

साथियों, भारत के MSMEs, आप सभी वास्तव में Aspirational India, आकांक्षी India हैं, महत्वाकांक्षी India हैं। आपको अपनी मेहनत के परिणाम सामने दिखते हैं। इसी मेहनत से कमाई बढ़ती है और यही MSMEs बीज बनकर भविष्य में बड़े उद्यम बनते हैं और नए उद्यमों को स्फूर्ति देते हैं, पोषण करते हैं।

MSMEs सरकार की उस भावना के प्रतीक हैं जिसके मूल में Job Seeker की जगह, Job Creatorबनानाहै। आप सिर्फ उद्ममी ही नहीं हैं, New India के महत्वपूर्ण निर्माताओं में से एक हैं।

मुझे पूरी उम्मीद है कि ये अभियान छोटे उद्योगों के लिए फायदेमंद होगा और देश भर के MSMEsइन सभी फैसलों से लाभान्वित होगें।

मुझे ये भी भरोसा है कि छोटे उद्यम ही आगे चलकर देश की औद्योगिक क्रांति को एक नया रूप, नया आयाम देंगे और Technology driven clean businessकी आधारशिला बनेंगे।

इन तमाम सुधारों पर सवार होकर आप Make in Indiaको और गति दें, ऊर्जा दें, इसी कामना के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।

मुझे पूरा विश्वास है कि ये दीपावली आप सभी के लिए भी, देश के पूरे MSME सेक्टर के लिए शुभ भी रहेगी, लाभकारी भी रहेगी और नए अवसर भी लेकर आएगी।

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